सपने का संसार तो है अद्भुत संसार,
कभी ये सपने टूटते, कभी हुए साकार|
कभी हुए साकार, झूठ सच समझ न आये ,
व्यर्थ शेखचिल्ली से सपने मन नहीं लाये |
टूटें तो दुःख देयं, स्वप्न कब होते अपने,
पर देखे बिन श्याम' होयं कब पूरे सपने ||
कभी ये सपने टूटते, कभी हुए साकार|
कभी हुए साकार, झूठ सच समझ न आये ,
व्यर्थ शेखचिल्ली से सपने मन नहीं लाये |
टूटें तो दुःख देयं, स्वप्न कब होते अपने,
पर देखे बिन श्याम' होयं कब पूरे सपने ||
सपने बुनते बीतता, जीवन का हर साल
जवाब देंहटाएंवर्तमान ही सत्य है , सपने मायाजाल
सपने मायाजाल , जाग कर सपने देखें
निर्धारित कर लक्ष्य, दूर तक नजरें फेकें
रह जाओ ना कहीं , कुछ अहसास ही चुनते
जीवन का हर साल , बीतता सपने बुनते ||
छुपा हुआ हर पंक्ति में, सारा जीवन सार
जवाब देंहटाएंजिसने बाँधे सेतु खुद , वो ही उतरे पार
वो ही उतरे पार , स्वप्न से रिश्ते अच्छे
सपने झूठे होयँ , किंतु हैं रिश्ते सच्चे
चयन करें क्या ठीक,देख मधुरस औ' महुआ
सारा जीवन सार, हर पंक्ति में छुपा हुआ.
कहते हैं सब सृष्टि है , ब्रम्हा जी का स्वप्न
जवाब देंहटाएंसृष्टि का ही अंश मैं, मैं क्या ? हल हो प्रश्न
मैं क्या ? हल हो प्रश्न, गुणी ज्ञानी बतलायें
क्यों चुभते हैं स्वप्न , मुझे इतना समझायें
भीगी आँखें भली , न भाते आँसू बहते
ब्रम्हा जी का स्वप्न , सृष्टि है सब हैं कहते ||
नाना विधि आगम निगम, करें व्याख्या श्याम |
जवाब देंहटाएंअगर सफलता चाहिए, देख स्वप्न अविराम |
देख स्वप्न अविराम, तदनु उद्योग जरुरी |
भली करेंगे राम, कामना करते पूरी |
सपनों का संसार, मधुर है ताना बाना |
इसीलिए अधिकार, सभी का है सपनाना ||
वाह वाह क्या सजा है सपनों का संसार,
जवाब देंहटाएंरविकर निगम करें यथा कुण्डलिया साकार |
कुण्डलिया साकार करें व्याख्या यूं बहुविधि,
सपने देखें मधुर करें उद्योग विविधि-विधि|
करिये श्रम विधि भांति,यदि हो उन्नति की चाह,
केवल यूं न प्रसन्न हों, सुन्दर सपना वाह |
धन्यवाद रविकर....
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