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शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

मोदी के तीर



मोदी ने जब तानकर, छोड़ दिए कुछ तीर |  
भन्नाए से घूमते, सुन कर कई   वजीर |
सुन कर कई वजीर, फाड़ते   रोकर  छाती,
बुरका, पप्पी बाँध गले से,  चपर-कनाती |
कहे 'राज' कवि-मित्र, लिए पप्पी को गोदी,
चक्कर में सरकार, मस्त- मुस्काता मोदी |


9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (19-07-2013) को स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति से छुटकारा -चर्चा मंच 1311 पर "मयंक का कोना" में भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. उत्तर
    1. आप सरीखे गुणीजनों का आशीर्वाद मेरे लिए संजीवनी है
      प्रत्‍युत्तर देंहटाएं

      हटाएं
    2. मोदी ने जब तानकर, छोड़ दिए कुछ तीर |
      भन्नाए से घूमते, सुन कर कई वजीर |
      सुन कर कई वजीर, फाड़ते रोकर छाती,
      बुरका, पप्पी बाँध गले से, चपर-कनाती |
      कहे 'राज' कवि-मित्र, लिए पप्पी को गोदी,
      चक्कर में सरकार, मस्त- मुस्काता मोदी |



      मोदी कहते इकवचन, दे धिक् धिक् धिक्कार |
      कई प्रवक्ता बहुवचन, थोथा शब्द प्रहार |
      थोथा शब्द प्रहार, सारवर्जित सा सारे |
      प्रवचन कर अखबार, मीडिया भी बेचारे |
      विश्वसनीयता आज, सभी ने अपनी खो दी |
      शुभ कुण्डलियाँ राज, राज पायेगा मोदी ||

      हटाएं
  3. वाह वाह
    वाकई मोदी के तीर बिलकुल निशाने पर लगे हैं

    जवाब देंहटाएं
  4. आप सरीखे गुणीजनों का आशीर्वाद मेरे लिए संजीवनी है

    जवाब देंहटाएं
  5. बौखलाहट और कैसे निकालें ,बस ऊल-जलूल बकेंगे !

    जवाब देंहटाएं

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