कैंची
कपड़े
काटती,नींद
काटती
रात
चाकू
सब्जी
काटता,शब्द
काटते
बात
शब्द
काटते
बात,काटती
खुखरी
गरदन
दाँत
काटते
जीभ,काटते
चटके
बरतन
ग्रहण
काटता
चंद्र,
चाँदी चंद्र
से
एंची
शाप काटते मंत्र,कपड़े काटती कैंची
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ग्रहण काटता चंद्र, चाँदी चंद्र से एंची
जवाब देंहटाएंशाप काटते मंत्र,कपड़े काटती कैंची
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बहुत बढ़िया!
बस कुछ शब्द इधर से उधर करने हैं
ग्रहण काटता चंद्र, चंद्र से चाँदी एंची
शाप काटते मंत्र, काटती कपड़े कैंची
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अब गेयता में कोई व्यवधान नहीं है।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंआदरणीय शास्त्री जी कुंडलिया पर आपकी समीक्षा समीचीन है हार्दिक आभार ,मैंने चांदी शब्द शुरू में एक तो नीचे के शब्द जो गुरु गुरु है को देखते हुए लिया था तथा दूसरे मुख्य बात ये है की चन्द्र शब्द दोनों एक साथ आना ठीक नहीं लग रहा था इस लिए चन्द्र शब्द बाद में लिया यदि चन्द्र शब्द दोनों एक साथ गेयता में ठीक लग रहे हैं तो यही ठीक है मैं अपनी मूल पोस्ट में लिख लुंगी
हटाएंआपकी यह रचना कल मंगलवार (16-07-2013) को ब्लॉग प्रसारण : नारी विशेष पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत सुंदर प्रस्तुति ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अपनी पहचान
बहुत सुंदर | बधाई |
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ . मजा आ गया ।
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
सुंदर...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
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