बाँहे फैलाए तुझे , बिटिया रही पुकार
तुम जालिम बनना नहीं ,वो मांगे बस प्यार ।
निश्छल , मोहक , पाक है , देखो ये मुस्कान
भूलें हमको गम सभी , जाएं जीत जहान ।
मत मारो तुम गर्भ में , बिटिया घर की शान
ये चिड़िया-सी चहककर , करती दूर थकान ।
बिटिया कोहेनूर है , फैला रही प्रकाश
धरती है जन्नत बनी , पुलकित है आकाश ।
तुम बेटी के जन्म पर , होना नहीं उदास
गले मिले जब दौडकर , मिट जाते सब त्रास ।
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बहुत ही अच्छे सार्थक दोहे ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा....!
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