गोधन चोरी --
माखन की चोरी करें नित प्रति नन्द किशोर,
कुछ खाते कुछ फैंकते , मटकी देते फोड़ |
मटकी देते फोड़ ,सखा सँग घर घर जाते ,
चुपके मटकी तोड़ ,सभी गोधन फैलाते |
देते यह सन्देश ,श्याम' समझें ब्रजवासी,
स्वयं बनें बलवान , दीन हों मथुरा वासी ||
गोकुल वासी क्यों गए अर्थ शास्त्र में भूल,
माखन दुग्ध नगर चला,गाँव में उड़ती धूल|
गाँव में उड़ती धूल, गोप- बछड़े सब भूखे,
नगर होयं संपन्न, खायं हम रूखे-सूखे |
गगरी देंगें तोड़ , श्याम' सुनलें ब्रजवासी,
यदि मथुरा लेजायें गोधन, गोकुल वासी ||
---- चित्र---गूगल साभार ..
माखन की चोरी करें नित प्रति नन्द किशोर,
कुछ खाते कुछ फैंकते , मटकी देते फोड़ |
मटकी देते फोड़ ,सखा सँग घर घर जाते ,
चुपके मटकी तोड़ ,सभी गोधन फैलाते |
देते यह सन्देश ,श्याम' समझें ब्रजवासी,
स्वयं बनें बलवान , दीन हों मथुरा वासी ||
गोकुल वासी क्यों गए अर्थ शास्त्र में भूल,
माखन दुग्ध नगर चला,गाँव में उड़ती धूल|
गाँव में उड़ती धूल, गोप- बछड़े सब भूखे,
नगर होयं संपन्न, खायं हम रूखे-सूखे |
गगरी देंगें तोड़ , श्याम' सुनलें ब्रजवासी,
यदि मथुरा लेजायें गोधन, गोकुल वासी ||
---- चित्र---गूगल साभार ..
बेहद उम्दा लेखन |
जवाब देंहटाएंमेरे लिए सीखने के लिए बहुत कुछ
धन्यवाद अजय जी....
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (27-07-2013) को एकालाप.........क़दमों के निशाँ........कलयुगी सत्कार पर "मयंक का कोना" में भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्रीजी...आभार ..
हटाएंबढ़िया कुंडलियाँ पढ़ी हैं . लो जी गोधन का एक अर्थ मख्खन भी हो गया कोई कहे आजकल राजनीति में गोधन का बड़ा इस्तेमाल हो रहा ही ज़िसे राजनीति में सबसे ज्यादा गोधन लगाया जाता है वह हाई कमान कहलाता है /कहलाती है . बढ़िया पोस्ट अभिनव शब्द प्रयोग .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद वीरेन्द्र जी.....नया कहाँ है शर्माजी...मक्खन तो सदा से ही गोधन है....
हटाएंबहुत सुन्दर कुंडलियाँ ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कविता जी....
हटाएंबहुत बढ़िया कुण्डलिया !
जवाब देंहटाएंlatest post हमारे नेताजी
latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
धन्यवाद कालीपद जी.....
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