सुप्रभात दोहे रचने, मैं आई हूँ आज |
अधर पर मुस्कान लिए,करती हूँ आगाज ||
रोज ले आए नई ,सुबह सुखद सन्देश |
पूरी हो हर कामना ,संकट हरे गणेश||
आये कोई विघ्न ना ,सर पर रखना हाथ|
पूरी करना कामना ,हे नाथों के नाथ||
चूम उठाया भोर ने ,ख़ुशी मिल गई ख़ास |
सुबह संदेश आपका ,दे गया नई आस ||
बन जायेंगे आपके, सारे बिगड़े काम |
बिना थके बढते रहें , मन में धारे राम||
सुबह सुहानी आ गई लेकर मस्त फुहार |
पूरी हो हर कामना खुशियाँ मिलें अपार||
.........................................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें