जैसा बीता जा लिया,सिकुड़ सिमट गत वर्ष |
जग का सारा तम हरे, यह आगत नव वर्ष ||
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प्रभु से है ये प्रार्थना, लड़ा न जाए युद्ध |
सब अपने में मस्त हों, हो विचार हर शुद्ध ||
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दुर्बुद्धि हर नष्ट हो, बन कर रहें प्रबुद्ध |
सब जन कुमति निवार कर,करें धारणा शुद्ध ||
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नये वर्ष में हो नया, इस जग का निर्माण |
नव-प्रगति के रास्ते, हो दुखियों का त्राण ||
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नया वर्ष नव कल्पना, रचें नया इतिहास |
छल,फरेब,धोखाधड़ी, फटक न पाए पास ||
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नए वर्ष में न मिले, कोई कठिन मुकाम |
थोड़े सबल प्रयास से, बन जाएं सब काम ||
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कठिन अगर कुछ कार्य हों, हो जाएं सब सिद्ध |
नए वर्ष में आपको, मिले सिद्धि और रिद्धि ||
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पथ की हर बाधा हटे, पूर्ण सभी हों काज |
बिन विलम्ब होते रहे, कल के होते आज ||
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प्रखर तीव्र गति से बढ़ें,रिद्धि-सिद्धि सब नित्य |
नित्य नये आयाम पर, चढ़े भाग्य आदित्य ||
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गया वर्ष सब ले गया, कुटिल,कष्ट,संताप |
नए वर्ष निश्चित रहें, हंसी-ख़ुशी से आप ||
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