आधा बेंचा खेत तो, पूरा किया दहेज़* |
आधा बाँटे बहन फिर, स्वर्ग पिता* को भेज |
स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति* से छुटकारा |
बाँटी आधा माल, करे फिर ब्याह दुबारा |
रविकर नौ मन तेल, नहीं नाचे फिर राधा |
हुवे पुरुष कुल फेल, सफल होता इक-आधा ||
*नए कानूनों के परिप्रेक्ष्य में -
बहुत बढ़िया रविकर जी !
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क्या बात है गुरुदेव
जवाब देंहटाएंबहुत हि बढ़िया
अत्युत्तम साधुवाद
जवाब देंहटाएंmahila sashaktikaran hai bhai...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (20-07-2013) को विचलित व्यथित मन से कैसे खोलूँ द्वार पर "मयंक का कोना" में भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'