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चिकित्सक दिवस पर एक कहानी ------- -पाल ले इक रोग नादां ---डॉ. श्याम गुप्त ---
चिकित्सक दिवस पर एक कहानी ---डॉ. श्याम गुप्त ----- ------------------------------------ - पाल ले इक रोग नादां . .. ...

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कुछ दोहे मेरी कलम से..... बड़ा सरल संसार है , यहाँ नहीं कुछ गूढ़ है तलाश किसकी तुझे , तय करले मति मूढ़. कहा...
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हार में है छिपा जीत का आचरण। सीखिए गीत से , गीत का व्याकरण।। बात कहने से पहले विचारो जरा मैल दर्पण का अपने उतारो जरा तन...
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निमंत्रण पत्र ...लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा श्याम गुप्त लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ ...
जेहि सभा मह बिरध नहि, तेइ सभा न अहाहि ।
जवाब देंहटाएंजोइ धर्म बचन न कहे, बड़े बिराध सो नाहि ।११०७।
----- ।। महाभारत ॥ -----
भावार्थ : -- "जिस सभा में बड़े-बूढ़े नहीं है, वह सभा नहीं, जो धर्म की बात न कहे, वे बड़े-बूहे नहीं "
सही कहा ...नीतू जी......
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