मुझे याद आओगे
कभी तो भूल पाऊँगा तुमको,
मुश्क़िल तो है|
लेकिन,
मंज़िल अब वहीं है||
पहले तुम्हारी एक झलक को,
कायल रहता था|
लेकिन अगर तुम अब मिले,
तों भूलना मुश्किल होगा||
दिल की बात , गज़ल संग्रह का आत्मकथ्य – काव्य या साहित्य किसी विशेष , काल...