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मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

लखनऊ में राष्ट्रीय पुस्तक मेला ---लेखक से मिलिए कार्यक्रम....डा श्याम गुप्त ...

लखनऊ में राष्ट्रीय पुस्तक मेला ---लेखक से मिलिए कार्यक्रम....डा श्याम गुप्त ...

                               


               लखनऊ में राष्ट्रीय पुस्तक मेला ---लेखक से मिलिए कार्यक्रम ...३ अकूबर २०१५ ---.में संतुलित कवयित्री व कहानीकार स्नेह लता दिल्ली ...अगीत के संस्थापक साहित्यभूषण डा रंगनाथ मिश्र सत्य...पूर्व योजना आयोग के सदस्य साहित्यकार सुल्तान शाकिर हाशमी व साहित्यकार डा श्याम गुप्त साहित्यकारों व श्रोताओं से अभिमुख हुए |  


              अपने लेखन को रेखांकित करते हुए साहित्यकारों ने अपना परिचय व कृतियों का भी उल्लेख किया एवं  वे लेखन क्षेत्र में क्यों आये इसका भी उल्लेख किया | तदुपरांत लेखकों ने मंच से ,,,उपस्थित श्रोताओं व साहित्यकारों के प्रश्नों  के उत्तर भी दिए
----- एक प्रश्न के उत्तर में डा श्याम गुप्त ने छंद के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि किया कि छंद , गीत, अगीत , अतुकांत, तुकांत छंदों में आपस में कोइ मतान्तर नहीं है | केवल तुकांत छंदों को छंद कहने वाले  छंद को मूलतः नहीं जानते |
       संचालन कुमार तरल ने किया |

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