तमन्ना है दीदार करूँ,
मुस्कुराता चेहरा तेरा
देख तनी भृकुटी तेरी, होश उड़ जाता है
मेरा |
गर थोडा हँसकर बोल दे,क्या
बिगड़ेगा तेरा
बहार आएगी ,गुल खिलेगा चमन
में मेरा !
नकली ही सही,दो लफ्ज मीठे
बोलकर देखो
तुम पर जिंदगी कुर्बान , यकीं करो मेरा !
एकबार हाथ, मेरे हाथ में
देकर तो देखो
नहीं छूटेगा जिंदगी भर ,यह
वादा है मेरा !
छोड़ संकोच,नाराजगी तुम, कदम
बढ़ा के देखो
एक दिन तुम मेरी दुल्हन
बनोगी,यकीं है मेरा |
कालीपद "प्रसाद"
सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (09-11-2014) को "स्थापना दिवस उत्तराखण्ड का इतिहास" (चर्चा मंच-1792) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
bahut khub
जवाब देंहटाएंVery Nice post..
जवाब देंहटाएं& welcome to
My Blog