मित्रों!
आज से एक सप्ताह तक
आप होली से सम्बन्धित
अपनी रचनाएँ "सृजन मंच ऑनलाइन" पर
प्रकाशित करने की कृपा करें।
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इस शृंखला में
देखिए मेरी पहली पेशकश
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बालगीत
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आयी
होली, आई
होली।
रंग-बिरंगी
आई होली।
मुन्नी
आओ, चुन्नी
आओ,
रंग भरी
पिचकारी लाओ,
मिल-जुल
कर खेलेंगे होली।
रंग-बिरंगी
आई होली।।
मठरी
खाओ, गुँजिया
खाओ,
पीला-लाल
गुलाल उड़ाओ,
मस्ती
लेकर आई होली।
रंग-बिरंगी
आई होली।।
रंगों
की बौछार कहीं है,
ठण्डे
जल की धार कहीं है,
भीग रही
टोली की टोली।
रंग-बिरंगी
आई होली।।
फिर
विद्यालय भी जाना है,
होम-वर्क
भी जँचवाना है,
मेहनत
से पढ़ना हमजोली।
रंग-बिरंगी
आई होली।।
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मंगलवार, 11 मार्च 2014
"बालगीत-आई होली" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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