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गुरुवार, 17 अगस्त 2017

'नवसृजन' साहित्यिक संस्था का नवाँ वार्षिकोत्सव---डा श्याम गुप्त को 'साहित्याचार्य '.की उपाधि



श्रीमती उषा सिन्हा जी को माल्यार्पण करती हुई सुषमा गुपता
                        


                             दिनांक 13/08/2017 को राजधानी की प्रसिद्धि 'नवसृजन' साहित्यिक संस्था का नवाँ वार्षिकोत्सव मनाया गया जिसमें प्रतिवर्ष दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान --वरिष्ठ कवि श्री कुमार तरल जी को -सृजन साधन वरिष्ठ रचनाकार सम्मान व मुकेश कुमार मिश्रा को सृजन साधना युवा रचनाकार सम्मान 2017 प्रदान किया गया।
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विशिष्ट सम्मान में--साहित्यभूषण डा रंगनाथ मिश्र सत्य को 'साहित्याचार्य श्री ' एवं डा श्याम गुप्त को 'साहित्याचार्य '.की उपाधि से सम्मानित किया गया |
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-----समारोह के अध्यक्ष आदरणीय रंगनाथ मिश्र सत्य ,मुख्य अतिथि सेवा निवृत्त पुलिस महानिदेशक व साहित्यकार श्री महेश चन्द्र द्विवेदी जी,विशिष्ट अतिथि पूर्व भाषा विज्ञान की विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर ऊषा सिन्हा जी व पूर्व सदस्य योजना आयोग भारत सरकार डाक्टर सुल्तान शाकिर हाशमी जी थे।
कार्यक्रम का संचालन युवा कवि श्री देवेश द्विवेदी 'देवेश' जी ने किया ।इस अवसर पर सीवान बिहार से आये वरिष्ठ कवि श्री परमहंस मिश्र प्रचंड जी सहित लखनऊ व आसपास के लगभग एक सौ कवि गण उपस्थिति रहे।

--------वाणी वन्दना श्रीमती सुषमा गुप्ता व वाहिद अली वाहिद ने की \
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इस अवसर पर डा योगेश गुप्त द्वारा संपादित साझा काव्य संकलन -श्रृंगिनी -का विमोचन भी हुआ जिसमें युवा कवियों-मुकेश कुमार मिश्रा , मनु बाजपेयी ,लव परवाना,विशाल मिश्र ,अनूप शुक्ल ,देवेश द्विवेदी व सम्पादक डाॅ. योगेश गुप्त जी की रचनाएँ शामिल हैं ।
---छोटी छोटी बच्चियों द्वारा मनमोहक नृत्य में गजानन वन्दना प्रस्तुत की गयी |
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पुस्तक शृंगिनी का लोकार्पण
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डा रंगनाथ मिश्र सत्य को साहित्याचार्य श्री व डा श्याम गुप्त को साहित्याचार्य की उपाधि



 


1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (19-08-2017) को "चीनी सामान का बहिष्कार" (चर्चा अंक 2701) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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