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मेरी नवीन प्रकाशित पुस्तक---दिल की बात, गज़ल संग्रह ....डॉ. श्याम गुप्त
दिल की बात , गज़ल संग्रह का आत्मकथ्य – काव्य या साहित्य किसी विशेष , काल...
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निमंत्रण पत्र ...लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा श्याम गुप्त लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ ...
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हार में है छिपा जीत का आचरण। सीखिए गीत से , गीत का व्याकरण।। बात कहने से पहले विचारो जरा मैल दर्पण का अपने उतारो जरा तन...
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मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा-- ============ मेरे गीत-संकलन गीत बन कर ढल रहा हूं की डा श्याम बाबू गुप्त जी लखनऊ द्वारा समीक्षा आज उ...
भावनाओं को बखूबी लिखा है
जवाब देंहटाएंसुन्दर मुक्तक।
जवाब देंहटाएंबढ़िया है !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (04-05-2014) को "संसार अनोखा लेखन का" (चर्चा मंच-1602) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रूटना क्ा जब मनाने का रिवाज़ नही है, वाह ।
जवाब देंहटाएंवाह ...क्या बात है ...
जवाब देंहटाएंbahut bahut abhar sabhi guni janon ka..!!
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