शनिवार, 23 फ़रवरी 2019
दिव्य कुम्भ मेला - की दिव्यता-प्रयागराज ---डा श्याम गुप्त
दिव्य कुम्भ मेला - की दिव्यता- दृश्य -२१/२२ फरवरी २०१९---- आप कहीं भी कूड़ा करकट आदि फैला हुआ नहीं पायेंगे |
----अत्यंत सुन्दर व श्रेष्ठ प्रवंध किये गए थे |
-----मेरे विचार में इतने श्रेष्ठ व सुविधाजनक प्रवंधन महाराजा हर्ष के बाद शायद ही कभी हुए होंगें ---
----- यही तो दिव्यता है , अच्छे दिंनों का प्रारम्भ ...
अमृत कलश ----कथा
और शिव के डमरू की आदि ताल |
किले की तरफ संगम स्नान |
और असली मेला |
खान-पान व रहने का प्रबंध |
विविध सांस्कृतिक कलाकेन्द्र |
आदिवासी कलाकेन्द्र |
पेड़ों की भी किस्मत --सौन्दर्यीकरण |
संगम तट पर पुआल का बिछौना |
सुषमा गुप्ताजी पुलिस बल के जवानों को प्रधानमंत्री मोदीजी के सन्देश द्वारा उत्साहित करती हुईं |
नैनी की तरफ संगम स्नान ----बिना रेत के सागर के नदिया तीर कैसा |
सफाई अभियान का जायजा -डा श्याम गुप्त |
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-02-2019) को "अपने घर में सम्भल कर रहिए" (चर्चा अंक-3259) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'