“मानवतावाद का अक्लांत योद्धा"
यह पुस्तक उन सब के लिए अत्यंत पठनीय हैं जो सामाजिक उत्पीड़न, शोषण एवं वंचन के खिलाफ है | उनके लिए भी पठनीय है जो इनके पक्षधर हैं, यह देखने के लिए कि समाज में अब उनकी स्थिति क्या है |
इस किताब से आपको क्या जानकारी मिलेगी ?
इस किताब से आपको क्या जानकारी मिलेगी ?
1. कांग्रेस और गांधी जी डॉ आंबेडकर को पसंद नहीं करते थे और न डॉक्टर आंबेडकर कांग्रेस के सदस्य थे, फिर भी डॉक्टर आंबेडकर को संविधान ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष क्यों बनाया गया ?
2. द्वितीय गोलमेज बैठक में 123 भारतीय नेताओं के नेता मोहनदास करमचंद गांधी की बात को ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर मैकडॉनल्ड ने क्यों ठुकरा दी और डॉ आंबेडकर की सारी बातें क्यों स्वीकार कर ली ?
३ . अ )शुरुआत में डॉ आंबेडकर ने जनसंख्या अनुपात में संसद और विधानसभा में शूद्रों के लिए आरक्षण मांगा था, साथ में अलग निर्वाचन (Separate Electorate ) व्यवस्था चाहते थे | उन्होंने नौकरी में आरक्षण की मांग नहीं की, फिर--..
ब ) जॉब रिजर्वेशन किस का फार्मूला था जिसे डॉ अंबेडकर स्वीकार करने के लिए वाध्य हो गए ? क्या यह कांग्रेस का था या गांधी जी का था? और क्यों ?
स) एरोड़ा जेल में गांधीजी आमरण अनशन किस मांग को लेकर किया ?
ब ) जॉब रिजर्वेशन किस का फार्मूला था जिसे डॉ अंबेडकर स्वीकार करने के लिए वाध्य हो गए ? क्या यह कांग्रेस का था या गांधी जी का था? और क्यों ?
स) एरोड़ा जेल में गांधीजी आमरण अनशन किस मांग को लेकर किया ?
४ ) डॉक्टर आंबेडकर को कांग्रेस कांस्टिट्यूशन असेंबली में चुनकर आने देना नहीं चाहते थे |उन्हें कांग्रेस पसंद नहीं करते थे,इसलिए उनकी कोई भी सलाह संविधान में शामिल नहीं करना चाहते थे | पूरे भारत में उनके विरुद्ध नाकाबंदी की गई ताकि वह कंस्टीटूशन असेंबली में चुनकर ना आ सके | लेकिन वह बंगाल से चुनकर आ गए | परंतु उसके बाद ऐसा क्या हो गया कि द्वितीय बार कंस्टीटूशन असेंबली के चुनाव में कांग्रेस के डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस के प्रतिनिधि को छोड़ कर डॉक्टर आंबेडकर का पुरजोर समर्थन किया और मुंबई प्रोविंस के प्रधानमंत्री मिस्टर खेर को पत्र लिखकर डॉक्टर अंबेडकर का चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निवेदन किया | क्यों ?????????
५. हिंदू कोड बिल की अधिकांश बातें अब हिंदू समाज मानने लगे हैं फिर उस समय विरोध क्यों हुआ ?
६. संविधान के मूल स्वरूप में राजनैतिक ,सामाजिक और आर्थिक आजादी थी, पहले को संविधान में स्वीकार किया गया , बाकी दोनों को क्यों नहीं स्वीकार किया गया ?
इतिहास की इस सच्चाई को नई पीढ़ी को जानना जरूरी है क्योकि उन्हीं को आरक्षण के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए पीछे से प्रोत्साहित किया जाता है उन्हें तत्वों को तोड़ मोड़ कर पेश किया जाता है, और नई पीढ़ी सचाई से अनभिज्ञ होकर आंदोलन के माध्यम से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाती है |
यह पुस्तक क्रॉसवर्ड (CROSSWORD)मेगा स्टोर पुणे, नोएडा और राजस्थान के कुछ शहरों में उपलब्ध है|
कीमत-- केवल ₹ 250/-
प्रकाशक और लेखक से सीधे प्राप्त करने पर 40% डिस्काउंट और मुफ्त डाक खर्च का लाभ ले सकते हैं |
कांटेक्ट नंबर 965 792 7931.. और 942 324 5086
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कालीपद 'प्रसाद'
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