यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 20 नवंबर 2019

Mujhe Yaad aaoge - Hindi Kavita Manch

मुझे याद आओगे


कभी तो भूल पाऊँगा तुमको, 
मुश्क़िल तो है|
लेकिन, 
मंज़िल अब वहीं है||

पहले तुम्हारी एक झलक को, 
कायल रहता था|
लेकिन अगर तुम अब मिले, 
तों भूलना मुश्किल होगा||

3 टिप्‍पणियां:

फ़ॉलोअर

दोहे "गुरू पूर्णिमा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') --

 दोहे "गुरू पूर्णिमा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') -- चलो गुरू के द्वार पर, गुरु का धाम विराट। गुरू शिष्य के खोलता, सार...