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बुधवार, 26 दिसंबर 2018

जय कपीश तिहूँ लोक उजागर---डा श्याम गुप्त

जय कपीश तिहूँ लोक उजागर---
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इतने नाम और जाति आज तक किसी को दिए गए हैं क्या !!
----- जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ---यूँहीं नहीं कहा है --- वे सार्वभौम हैं ...
---हर धर्म , जाति लालायित है उन्हें अपना बनाने में ----
-----माता सीता का वरदान सत्य में ही फलित होरहा है ---
------इसीलिये वे हनुमान हैं------सभी समझ लें 

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1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (28-12-2018) को "नव वर्ष कैसा हो " (चर्चा अंक-3199)) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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