शांतिपूर्ण क्षण-क्षण रहे, सुखमय रहे समाज |
दुनिया के ऐश्वर्य की, मिले आप को
भेंट,
यही प्रार्थना-कामना, करता प्रभु से 'राज' |
-0-
मुद्दतों लफ़्ज़ पिरोए तो,नई जान रवानी आई |
रौनक़- ए-अशआर, शफ़क़-शान सुहानी आई |
बीत जब 'राज' गया, दौरे-अमल का मौसम,
ढल गई उम्र
तो, ग़ज़लों पे जवानी आई |
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गुरुवार, 12 सितंबर 2013
ग़ज़लों पे जवानी आई
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अत्यन्त हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ कि
जवाब देंहटाएंआपकी इस बेहतरीन रचना की चर्चा शुक्रवार 13-09-2013 केhttp://charchamanch.blogspot.in/.....महामंत्र क्रमांक तीन - इसे 'माइक्रो कविता' के नाम से जानाःचर्चा मंच 1368 जाता है।
धन्यवाद आपका यशोदा जी,आभारी हूँ |
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज बृहस्पतिवार (12-09-2013) को चर्चा - 1366मे "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
आप सबको गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभारी हूँ स्नेह बनाए रखें |
हटाएंगणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसादर मदन
धन्यवाद मदन जी आपको भी गणेश उत्सव की हा.शुभ कामनाएं |
हटाएंधन्यवाद शौर्य मलिक जी |
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