यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 12 सितंबर 2013

ग़ज़लों पे जवानी आई


मंगलमय हो पूर्ण दिन, स्वर्ण कमल सम आज |
शांतिपूर्ण क्षण-क्षण रहेसुखमय  रहे समाज |
दुनिया के ऐश्वर्य कीमिले   आप   को   भेंट,
यही प्रार्थना-कामनाकरता  प्रभु  से  'राज' |
                          -0-                               
मुद्दतों लफ़्ज़ पिरोए तो,नई जान रवानी आई |
रौनक़- -अशआर, शफ़क़-शान सुहानी आई |
बीत जब 'राज' गया, दौरे-अमल का मौसम,
ढल  गई  उम्र  तोग़ज़लों  पे  जवानी  आई |

7 टिप्‍पणियां:

  1. अत्यन्त हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ कि
    आपकी इस बेहतरीन रचना की चर्चा शुक्रवार 13-09-2013 केhttp://charchamanch.blogspot.in/.....महामंत्र क्रमांक तीन - इसे 'माइक्रो कविता' के नाम से जानाःचर्चा मंच 1368 जाता है।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज बृहस्पतिवार (12-09-2013) को चर्चा - 1366मे "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    आप सबको गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  3. गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें.

    सादर मदन

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद मदन जी आपको भी गणेश उत्सव की हा.शुभ कामनाएं |

      हटाएं

फ़ॉलोअर

मेरी नवीन प्रकाशित पुस्तक---दिल की बात, गज़ल संग्रह ....डॉ. श्याम गुप्त

                                 दिल की बात , गज़ल संग्रह   का   आत्मकथ्य –                            काव्य या साहित्य किसी विशेष , काल...