यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 14 दिसंबर 2013

गधे /कुत्तों का बगावत

चुनाव का माहोल है 
चारो ओर हवा गरम है 
दिल दिमाग में गर्मी है 
आरोप प्रत्यारोप का दौर 
अब चरम सीमा पर है |
गाली गलौज का नया 
शब्दकोष बन रहा है 
पुराने शब्द ,परिभाषाएं 
और अर्थ बदल रहे हैं |
एक पार्टी का नेता 
दुसरे पार्टी के नेतो को 
गधा  क्या कह दिया..,
गधों ने विरोध में 
सड़क जाम कर दिया |
कहा ,"हम मेहनती हैं,
सहनशील हैं ,इमानदार हैं ,
अपना मेहनत का खाते हैं|
इन श्रेष्ट गुणों से रहित 
नेताओं की  तुलना
गधों से करना ......
गधों का अपमान है |
नेता बिना सर्त माफ़ी मागे 
यही हमारा नारा है |"

नेता स्वार्थ सिद्धि के लिए 
हर चुनाव में पार्टी बदलते हैं ,
जिसने उसे राजनीति का पाठ पढ़ाया है
उसी गुरु को धोखा दिया है |
गुरु ने कहा ,"नमक हराम,
विश्वास घातक  कुत्ते .........
नहीं ,तुम तो कुत्ते से भी बदतर हो |"
कुत्तों ने इस बात का विरोध किया है 
स्वार्थी ,धोखेबाज नेताओं को कुत्ता कहना 
स्वाभिमानी ,स्वामीभक्त कुत्तों का अपमान है|
कुत्तों के नेता ने इसे संसद में 
उठाने का वादा किया है |

संसदीय नया शब्दावली बड़ा प्यारा है 
ठेके में दलाली खाने वाला चोर है 
स्कैम को अंजाम देनेवाला चोरों का सरदार है 
ईमान को बेचने वाले बेईमान है 
चीत भी मेरी पट भी मेरी ........
वह दो मुह इन्सान है |
किसी को तगमा दिया जर्सी गाय ,कोई बछड़ा 
कोई पपेट ,कोई रिमोट , तो कोई मुखड़ा 
कोई खाता  है कोयला तो कोई खाता है चारा 
सत्ता के लालच में खाते चप्पल भी बेचारा |
टेबिल,कुर्सी ,माइक तोडना ,चीखना चिल्लाना 
नई संस्कृति का जन्मदाता है संसद हमारा |


   कालीपद"प्रसाद "


© सर्वाधिकार सुरक्षित  

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    नीचे दिया हुआ चर्चा मंच की पोस्ट का लिंक कल सुबह 5 बजे ही खुलेगा।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    नीचे दिया हुआ चर्चा मंच की पोस्ट का लिंक कल सुबह 5 बजे ही खुलेगा।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं

फ़ॉलोअर

मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा--डॉ.श्याम गुप्त

  मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा-- ============ मेरे गीत-संकलन गीत बन कर ढल रहा हूं की डा श्याम बाबू गुप्त जी लखनऊ द्वारा समीक्षा आज उ...