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गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

डा श्याम गुप्त की ग़ज़ल...ये अच्छी बात नहीं ......

   ग़ज़ल...ये अच्छी बात नहीं ..

गैर के भूल की सज़ा तुझको मिले तो कोई  बात नहीं |
भूल हो तेरी सज़ा और को हो ये  अच्छी बात नहीं |

बात की  बात है  कि  वो है या  नहीं है वह ,
खुशी में भूल जाएँ खुदा को ये अच्छी बात नहीं |

मुल्क पे कुर्बान होंगे ही कलेजे वाले कोई बात नहीं ,
भूल जाए जो  मुल्क शहीदों को ये अच्छी बात नहीं |

भूल हो गैर की या तेरी हो कोई  बात नहीं ,
सबक भूल से  न ले जो ये अच्छी बात नहीं |

क्या बुरा है,क्या है अच्छा  'श्याम क्या जाने,
याद जो न रखा जाए नेकी को ये अच्छी बात नहीं |

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