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सोमवार, 16 दिसंबर 2013

मै नारी हूँ .............

मै नारी हूँ ................

मै दुर्गा , अन्नपूर्णा मै ही

मै अपूर्ण  , सम्पूर्णा मै ही ।

मै उमा , पार्वती मै ही ,

मै लक्ष्मी , सरस्वती मै ही ।



मै सृजक , संचालिका मै ही ,

मै प्रकृति , पालिका मै ही ।

मै रक्षिका , संहारिका मै ही ,

मै धारिणी ,   वसुंधरा मै ही ।



मै जननी , जानकी मै ही ,

मै यशोदा , देवकी मै ही ।

मै राधा , रुक्मिणी मै ही ,

मै एकता  , अनेकता मै ही ।



मै माँ हूँ ,  भगिनी हूँ ,

मै वल्लभा हूँ , कामिनी हूँ ।

मै वधू हूँ , रागिनी हूँ ,

मै निर्भया हूँ , दामिनी हूँ ।



मत भूलो मै जननी हूँ

मत भूलो मै भगिनी हूँ

मत भूलो मै दामिनी हूँ ,

मै नारी हूँ , मै नारी हूँ ।




8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (16-12-13) को "आप का कनफ्यूजन" (चर्चा मंच : अंक-1463) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. क्षमा कीजिएगा, आप इस देश में मैं, मैं करती हुई बकरी से अधिक कुछ नहीं हैं.....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. क्षमा कीजिए ...जब तक स्वयं नारी अपने "मैं" को नहीं समझेगी ..आगे नहीं बढ़ेगी....

      हटाएं
    2. प्रिय नीतू जी यों तो आपको आपकी टिप्पणी का उत्तर आ0 श्याम जी टिप्पणी से मिल गया होगा । लेकिन एक रचना कार के नाते आपकी टिप्पणी का उत्तर देना मेरे लिए आवश्यक हो जाता है , आप स्वयम एक स्त्री है और स्त्री को अपनी पहचान करना जरूरी है यदि आपका उद्देश्य मात्र टिप्पणी करने का है तो कोई बात नहीं । अपने कुछ भी लिखा उसका कोई मतलब नहीं रह जाता । आज की आधुनिक परिवेश मे पाली पढ़ी लड़कियां किसी भी रचना की गहराई को नहीं समझती । आशा है आपको इस रचना का मर्म समझ मे आया होगा ।

      हटाएं
  3. आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १७/१२/१३को चर्चामंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहाँ हार्दिक स्वागत है

    जवाब देंहटाएं
  4. नीतू सिंघल जी।
    हम खूब जानते हैं आपकी गहराई।
    अपना स्रजन करो तो वास्तविकता को समझ पाओगी।

    जवाब देंहटाएं

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