यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 29 मार्च 2017

प्रतिपदा --नव संवत्सर ---डा श्याम गुप्त...


                 


प्रतिपदा --नव संवत्सर ---डा श्याम गुप्त...

                       



 प्रतिपदा --नव संवत्सर ---

सृष्टि रचयिता ने किया, सृष्टि सृजन प्रारम्भ |
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से, संवत्सर आरम्भ ||

गुड़ी-पडवा, उगादी, चेटीचंड, चित्रेय |
विशु बैसाखी प्रतिपदा, संवत्सर नवरेह |

शुभ शुचि सुन्दर सुखद ऋतु, आता यह शुभ वर्ष |
धूम -धाम से मनाएं , भारतीय नव-वर्ष |

ऋतु बसंत मदमा रही, पीताम्बर को ओढ़ |
हरियाली साड़ी पहन, धरती हुई विभोर |

स्वर्ण थाल सा नव, प्रथम, सूर्योदय मन भाय |
धवल चांदनी चैत की, चांदी सी बिखराय |

फूलै फले नयी फसल, नवल अन्न सरसाय |
सनातनी नव-वर्ष यह, प्रकृति-नटी हरषाय |

पाश्चात्य नववर्ष को, सब त्यागें श्रीमान |
भारतीय नववर्ष हित, अब छेड़ें अभियान ||


चित्र-गूगल ..

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

फ़ॉलोअर

मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा--डॉ.श्याम गुप्त

  मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा-- ============ मेरे गीत-संकलन गीत बन कर ढल रहा हूं की डा श्याम बाबू गुप्त जी लखनऊ द्वारा समीक्षा आज उ...