यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 30 जून 2013

"सृजन मंच ऑनलाइन" सीखने और सिखाने का मंच

मित्रों!
    आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन एक छोटा सा प्रयास किया है।
 कृपया इस मंच में योगदान करने के लिए Roopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। आपका मेल मिलते ही आपको  सृजन मंच ऑनलाइन  के लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...!

                 अध्यक्ष                                             व्यवस्थापक

8 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय शास्त्री जी, हिन्दी साहित्य के उत्थान में आपका योगदान हमेशा से रहा है. कविता हो, गीत हो ,गज़ल हो, बाल साहित्य हो,छंद हो, सभी विधाओं को आपका समर्पित सहयोग भला किससे छिपा है. आज छंद विधा लुप्तप्राय सी हो रही है, देश में गिनती के लोग इस विधा पर कार्य कर रहे हैं. सीखने सिखाने का यह मंच नई पीढ़ी के लिए निश्चय ही कारगर साबित होगा और छंदों की फुलवारी फिर से महक उठेगी. इस महान कार्य के शुभारम्भ में मेरी हार्दिक शुभ-कामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  2. अच्छा मंच
    अरुण भाई को आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. सृजन मंच लो आ गया ,सीख नया दिन रात
    छंद विधा को सीख लो ,दोहे से शुरुआत

    जवाब देंहटाएं
  4. शास्त्री जी... ये आपने बहुत अच्छी शुरुआत की है...एक ही जगह सभी छंदों के बारे में सबको जानकारी होगी और जो इससे अनजान होंगे उन्हें भी सहायता मिलेगी...आप के इस कार्य में हम सभी साथ-साथ हैं...

    जवाब देंहटाएं
  5. मुझ जैसे कयी लोग जिन्होंने अभी हाल ही मैं लिखना प्रारंभ किया है हमारे लिए ये मंच मार्गदर्शक होगा... मैं खुद भी छंदबध लिखने का प्रयास करता हूं पर मैं जानता हूं कि मुझे छंदों का अधिक ज्ञान नहीं है।
    आभार...

    जवाब देंहटाएं
  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  7. गणित और विज्ञानं का विद्यार्थी रहा हूँ अत : छंदों से दूर दूर का भी रिश्ता नहीं है .केवल ह्रदय के भावों को शब्द रूप देता हूँ..आपके इस मंच से निश्चय ही कुछ सीखने को मिलेगा .शुभ कामनाएं

    जवाब देंहटाएं

फ़ॉलोअर

मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा--डॉ.श्याम गुप्त

  मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा-- ============ मेरे गीत-संकलन गीत बन कर ढल रहा हूं की डा श्याम बाबू गुप्त जी लखनऊ द्वारा समीक्षा आज उ...