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शनिवार, 22 अगस्त 2015

"महाकवि तुलसीदास की जयन्ती पर विशेष’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

महाकवि तुलसीदास की जयन्ती पर विशेष
"सूर-सूर तुलसी शशि, उडुगन केशव दास।
अब के कवि खद्योत सम, जहँ-तहँ करत प्रकाश।।’’
ब्लागर मित्रों!
आज से 26 वर्ष पूर्व मेरा एक लेख
नैनीताल से प्रकाशित होने वाले
समाचारपत्र
"दैनिक उत्तर उजाला"
में प्रकाशित हुआ था।
इसे साफ-साफ पढ़ने के लिए-
कृपया समाचार की कटिंग पर
एक चटका लगा दें।
भगवान राम की गाथा को
रामचरित मानस के रूप में
जन-जन में प्रचारित करने वाले महाकवि तुलसीदास की स्मृति
उर में संजोए हुए यह लेख मूलरूप में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।

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