यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 7 अप्रैल 2014

"गीत-ऐसे होगा देश महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

"ऐसे होगा देश महान"
जब होगा मेरे भारत में  सबसे सुखी किसान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।।
"ऐसे होगा देश महान"

भ्रष्टाचारी जब खेतों में, कंकरीट नहीं बोयेंगे,
गट्ठर बाँध अन्न की जब सब, अपने सिर पर ढोयेंगे,
कहलायेगा तब ही अपना भारत देश महान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।।
"ऐसे होगा देश महान"

भोग छोड़कर लोग यहाँ, जब सहज योग अपनायेंगे,
मदिरा-मांस छोड़ प्राणी, जब शाक-सब्जियाँ  खायेंगे,
भौंडे गाने छोड़ गायें सब,  देशभक्ति के गान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।। 
"ऐसे होगा देश महान"

जब शिक्षा की दूकानों में ज्ञान, न बेचा जायेगा,
तब अध्यापक को श्रद्धा से, गुरू पुकारा जायेगा,
विद्यालय से शिक्षित होकर, निकलेंगे विद्वान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।। 
"ऐसे होगा देश महान"

जिस दिन वीर सैनिकों का सम्मान बढ़ाया जायेगा,
दुश्मन को उसकी भाषा में, सबक सिखाया जायेगा,
क़ायम रखना होगा हमको, आन-बान-अभिमान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।। 
"ऐसे होगा देश महान"

अपनी धरती पर, अपना कानून बनाना होगा,
सत्ता से कायर लोगों को, हमें हटाना होगा,
अलग बनानी होगी अपनी, दुनिया में पहचान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।। 
"ऐसे होगा देश महान"

1 टिप्पणी:

  1. क्या बात है सच व सुन्दर .....

    जब हम स्वयं ही अपने आप को ,
    शुचि कर्मों में लगायेंगे |
    देश धर्म संस्कृति प्रेम में,
    बनेगी जब अपनी पहचान |
    होगा मेरा देश महान.......

    जवाब देंहटाएं

फ़ॉलोअर

मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा--डॉ.श्याम गुप्त

  मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा-- ============ मेरे गीत-संकलन गीत बन कर ढल रहा हूं की डा श्याम बाबू गुप्त जी लखनऊ द्वारा समीक्षा आज उ...