tag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post944095085999471988..comments2024-01-19T14:10:47.867+05:30Comments on सृजन मंच ऑनलाइन: "समीक्षा पोस्ट" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-17414594689485835372013-07-04T14:03:20.424+05:302013-07-04T14:03:20.424+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-15145196522591688542013-07-04T10:04:49.052+05:302013-07-04T10:04:49.052+05:30आदरणीय शास्त्री जी, आपके अनुमोदन के लिये हृदय से आ...आदरणीय शास्त्री जी, आपके अनुमोदन के लिये हृदय से आभार. मैं भी छन्द में कोई विद्वान नहीं हूँ, कुछ किताबों से तो कुछ अपनों से सीखते हुये ही अभ्यासरत हूँ. कई बार किताबों में दिये निर्देश भलीभाँति समझ में नहीं आते और भ्रम की स्थिति निर्मित हो जाती है,तब परस्पर सीखने-सिखाने की प्रक्रिया ही सबसे उपयुक्त जान पड़ती है.अब अंतर्जाल ने इसे और भी सुगम कर दिया है.<br />छन्द रचना बहुत आसान नहीं है तो बहुत कठिन भी नहीं है. कुछ लिखेंगे तब तो त्रुटियों का पता चलेगा.सीखने की प्रक्रिया में अपनी त्रुटियों को खुले मन से स्वीकार भी करना चाहिये, यह नहीं कि जो मैंने लिख दिया वह बिल्कुल दोष रहित है.छन्द तो अथाह समुद्र है, जितने गहरे डूबेंगे उतने ही कीमती रत्न मिलेंगे.आइये हम सब परस्पर सीखें व सिखायें.कोई गुरु नहीं, कोई शिष्य नहीं. सब गुरु हैं और सभी शिष्य भी हैं.यह दोहा सीखने के लिये अनमोल मंत्र है :<br /><br />करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान<br />रसरी आवत जात ते, सिल पर परत निसान ||<br />अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-56879254268067662752013-07-03T16:49:07.925+05:302013-07-03T16:49:07.925+05:30जानकारी बढाती पोस्ट बहुत अच्छी लगी |
आशा जानकारी बढाती पोस्ट बहुत अच्छी लगी |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-49331389013810493502013-07-03T13:14:21.435+05:302013-07-03T13:14:21.435+05:30सुन्दर. अति सुन्दर
सुन्दर. अति सुन्दर <br /><br /> अज़ीज़ जौनपुरीhttps://www.blogger.com/profile/16132551098493345036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-63284556333652562082013-07-03T11:09:18.709+05:302013-07-03T11:09:18.709+05:30बहुत बढ़िया-
निश्चय ही भाई अरुण निगम जी
का मार्ग द...बहुत बढ़िया-<br />निश्चय ही भाई अरुण निगम जी <br />का मार्ग दर्शन उत्कृष्ट साहित्य सृजन में सहायक होगा -<br />सादर-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com