tag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post5003615045055370903..comments2024-01-19T14:10:47.867+05:30Comments on सृजन मंच ऑनलाइन: "शृंगार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-27785492972144344262013-11-22T13:45:15.246+05:302013-11-22T13:45:15.246+05:30बहुत ही सुन्दर भावों युक्त ग़ज़ल...शास्त्रीजी...बधा...बहुत ही सुन्दर भावों युक्त ग़ज़ल...शास्त्रीजी...बधाई....<br /><br /> कदम आगे तो बढ़ाओ, सामने मंजिल खड़ी,<br />लय गति है सुन्दर स्वस्ति तो क्या रुक्न की बातें करें |डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-48052750159359384792013-11-20T20:03:05.757+05:302013-11-20T20:03:05.757+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21-11-2013 की चर्चा में ...<br />आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21-11-2013 की चर्चा में है <br />कृपया <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"> चर्चा मंच </a> पर पधारें <br />धन्यवाद दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-84325038426353123102013-11-20T18:27:05.467+05:302013-11-20T18:27:05.467+05:30वाहिद काशीवासी जी।
आपका आभार।वाहिद काशीवासी जी।<br />आपका आभार।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-50214312371241179602013-11-20T18:09:28.010+05:302013-11-20T18:09:28.010+05:30अत्यंत ही सुन्दर भावों का सम्प्रेषण आदरणीय शास्त्र...अत्यंत ही सुन्दर भावों का सम्प्रेषण आदरणीय शास्त्री जी! किन्तु ध्यान आकृष्ट कराना चाहूँगा कि एक स्थान पर बह्र भटक रही है, :--कदम आगे तो बढ़ाओ, सामने मंजिल खड़ी! --> क़दम १२ है किन्तु इस मिस्रे में प्रथम रुक्न में २१ की अनिवार्यता है! दूसरे व तीसरे शे'र में तकाबुले रदीफ़ का दोष द्रष्ट है! सादर,वाहिद काशीवासीhttps://www.blogger.com/profile/00371130760325689955noreply@blogger.com