tag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post1656761710594984392..comments2024-01-19T14:10:47.867+05:30Comments on सृजन मंच ऑनलाइन: हे निराकार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7421790880043366399.post-70731818113619656382013-09-24T17:42:19.170+05:302013-09-24T17:42:19.170+05:30पहचान.. अपना... कराओ तुम। = अपनी
असीम कृपा ..तुम...पहचान.. अपना... कराओ तुम। = अपनी <br />असीम कृपा ..तुम्हारा....= तुम्हारी <br />हे निराकार निर्गुण ,कहो कहाँ छुपे हो तुम -----निराकार , निर्गुण ...छुप कैसे सकता है... <br /><br />मुझे बना लो सेवक अपना ,करूँगा तुम्हारी रखवाली।---क्या भक्त-सेवक.... भगवान की रखवाली करेगा....??? डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.com